हरियाणा के किसानों के लिए जारी हुआ 2023 में खराब कपास की फसल का मुआवजा, फटाफट देखें अपना खाता
खराब मौसम और गुलाबी सुंडी से प्रभावित कपास किसानों को सरकार ने मुआवजा दिया है। जानिए कितने किसानों को मिलेगी यह सहायता।
हरियाणा में कपास की फसल को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने मुआवजा जारी किया है। 26 जुलाई 2024 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवरपाल ने बताया कि खराब मौसम और गुलाबी सुंडी के कारण कपास की फसल को नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 65 करोड़ रुपये की राशि प्रभावित किसानों को दी है।
Main Points
मुआवजे की राशि और लाभार्थी किसान
खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को हुए नुकसान के लिए 15,314 किसानों को यह आर्थिक सहायता दी जा रही है। कंवरपाल ने कहा कि यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जा रही है। इसके अलावा, कृषि यंत्रों की खरीद के लिए भी किसानों को 101 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है, जिससे वे बेहतर तरीके से अपनी फसल का प्रबंधन कर सकें।
प्रभावित जिलों की जानकारी
कपास की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जिलों में अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेन्द्रगढ़ और सोनीपत शामिल हैं। इन जिलों में हरियाणा फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह योजना किसानों को उनकी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सहायता प्रदान करती है।
फसल बीमा योजना
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत खरीफ 2024 के लिए फसल बीमा की व्यवस्था की गई है। क्लस्टर-एक में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी, क्लस्टर-दो में एचडीएफसी एर्गो और क्लस्टर-तीन में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा फसलों का बीमा किया जाएगा। इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी।
पराली प्रबंधन के लिए सहायता
पराली प्रबंधन के तहत भी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। कंवरपाल ने कहा कि पिछले कई वर्षों से किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस वर्ष भी 101 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में कृषि यंत्रों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी के रूप में जमा की गई है। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए 4 अगस्त 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
केसीसी के लिए जानकारी
कृषि मंत्री ने किसानों को सलाह दी है कि यदि वे केसीसी (Kisan Credit Card) में दर्ज फसल को बदलकर अन्य फसलों की बुवाई करते हैं, तो उन्हें अपने संबंधित बैंक शाखा को सूचित करना चाहिए। इससे सही फसल का बीमा हो सकेगा और किसानों को समय पर क्लेम राशि मिल सकेगी। जिन किसानों ने बैंकों से फसली ऋण नहीं लिया है, वे सीएससी केंद्रों पर जाकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।